
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सत्ता को उपभोग का नहीं, जन सेवा का माध्यम बनाया। उन्होंने न केवल समर्थ रामदास जी की “उपभोग शून्य स्वामी” की कल्पना को साकार किया बल्कि चाणक्य नीतिसूत्र के “राजा प्रथमोसेवक” के परिभाषा को भी चरितार्थ कर दिखाया है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सत्ता को उपभोग का नहीं, जन सेवा का माध्यम बनाया। उन्होंने न केवल समर्थ रामदास जी की “उपभोग शून्य स्वामी” की कल्पना को साकार किया बल्कि चाणक्य नीतिसूत्र के “राजा प्रथमोसेवक” के परिभाषा को भी चरितार्थ कर दिखाया है।
Jan 07, 2020