वृक्षों का महत्व बताते हुए मत्स्य पुराण में एक श्लोक है,
‘’दशकूपसमा वापी, दशवापीसमो ह्रदः।
दशह्रदसमो पुत्रो, दशपुत्रसमो द्रुमः।।’’
अर्थात- एक जलकुंड दस कुएँ के समान है, एक तालाब दस जलकुंड के समान है, एक पुत्र का दस तालाब जितना महत्व है और एक वृक्ष का दस पुत्रों जितना महत्व है।
वृक्षों का महत्व बताते हुए मत्स्य पुराण में एक श्लोक है, ‘’दशकूपसमा वापी, दशवापीसमो ह्रदः। दशह्रदसमो पुत्रो, दशपुत्रसमो द्रुमः।।’’ अर्थात- एक जलकुंड दस कुएँ के समान है, एक तालाब दस जलकुंड के समान है, एक पुत्र का दस तालाब जितना महत्व है और एक वृक्ष का दस पुत्रों जितना महत्व है।
Jul 23, 2020