भारत के आध्यात्म, ज्ञान, संस्कृति और अर्थतंत्र का इतिहास लिखना माँ गंगा नदी के बिना संभव नहीं है।
अगर हम हमारे अर्थतंत्र के अंदर हज़ारों साल का योगदान देखते हैं तो गंगा के जल, किनारे या गंगा से जुड़े यातायात से बड़ा योगदान किसी का नहीं होगा।
भारत के आध्यात्म, ज्ञान, संस्कृति और अर्थतंत्र का इतिहास लिखना माँ गंगा नदी के बिना संभव नहीं है। अगर हम हमारे अर्थतंत्र के अंदर हज़ारों साल का योगदान देखते हैं तो गंगा के जल, किनारे या गंगा से जुड़े यातायात से बड़ा योगदान किसी का नहीं होगा।
Mar 13, 2020