
नानाजी देशमुख जी का पूरा जीवन राष्ट्रसेवा और ग्रामीण भारत में रहने वालों के उत्थान और उन्हें सशक्त बनाने के लिए समर्पित रहा। ग्रामीण स्वास्थ्य और ग्रामीण शिक्षा को सुदृढ बनाने में उनका अद्वितीय योगदान रहा। गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्होंने खुद को पूर्णतः समर्पित कर दिया।
एक उत्कृष्ट स्वयंसेवक नानाजी देशमुख जी सादगी और सत्यनिष्ठा के प्रतीक हैं। उनके विचार, निस्वार्थ जीवन और असाधारण व्यक्तित्व हमें सदैव प्रेरित करता रहेगा।
वह सच्चे अर्थों में एक राष्ट्र-ऋषि थे।
गर्व है कि उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया है।
नानाजी देशमुख जी का पूरा जीवन राष्ट्रसेवा और ग्रामीण भारत में रहने वालों के उत्थान और उन्हें सशक्त बनाने के लिए समर्पित रहा। ग्रामीण स्वास्थ्य और ग्रामीण शिक्षा को सुदृढ बनाने में उनका अद्वितीय योगदान रहा। गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्होंने खुद को पूर्णतः समर्पित कर दिया। एक उत्कृष्ट स्वयंसेवक नानाजी देशमुख जी सादगी और सत्यनिष्ठा के प्रतीक हैं। उनके विचार, निस्वार्थ जीवन और असाधारण व्यक्तित्व हमें सदैव प्रेरित करता रहेगा। वह सच्चे अर्थों में एक राष्ट्र-ऋषि थे। गर्व है कि उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया है।
Aug 08, 2019