
भारत माँ के वीर सपूत, महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आज़ाद जी का नाम बहादुरी, राष्ट्रभक्ति और बलिदान का पर्याय है। उनके हृदय में देश व मातृभूमि के लिए इतना प्रेम था कि उन्होंने बहुत छोटी उम्र से ही अंग्रेज़ों के विरुद्ध लोहा लेना शुरू किया और फिर अपना सम्पूर्ण जीवन देश की स्वतंत्रता के लिए समर्पित कर दिया।
आजाद जी से अंग्रेजी हुकूमत थर-थर काँपती थी, उन्होंने कहा था कि "मैं आज़ाद था, आज़ाद हूँ, आज़ाद रहूँगा" और वो सच में अपनी अंतिम सांसों तक आज़ाद रहे। उनके राष्ट्रप्रेम ने देश के लाखों युवाओं के हृदय में स्वाधीनता की लौ जलाई और स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।
ऐसे अमर बलिदानी चंद्रशेखर आज़ाद जी के चरणों में कोटि-कोटि वंदन।
भारत माँ के वीर सपूत, महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आज़ाद जी का नाम बहादुरी, राष्ट्रभक्ति और बलिदान का पर्याय है। उनके हृदय में देश व मातृभूमि के लिए इतना प्रेम था कि उन्होंने बहुत छोटी उम्र से ही अंग्रेज़ों के विरुद्ध लोहा लेना शुरू किया और फिर अपना सम्पूर्ण जीवन देश की स्वतंत्रता के लिए समर्पित कर दिया। आजाद जी से अंग्रेजी हुकूमत थर-थर काँपती थी, उन्होंने कहा था कि "मैं आज़ाद था, आज़ाद हूँ, आज़ाद रहूँगा" और वो सच में अपनी अंतिम सांसों तक आज़ाद रहे। उनके राष्ट्रप्रेम ने देश के लाखों युवाओं के हृदय में स्वाधीनता की लौ जलाई और स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। ऐसे अमर बलिदानी चंद्रशेखर आज़ाद जी के चरणों में कोटि-कोटि वंदन।
Jul 23, 2020