
ओजस्वी वक्ता व लोकप्रिय जन नेता श्री जगन्नाथ राव जोशी जी ने अपने जीवन का क्षण-क्षण और शरीर का कण-कण भारत माता की सेवा में समर्पित किया। उन्होंने अपनी अंतिम सांसों तक निस्वार्थ भाव से देश, जनता और संगठन की सेवा की। जोशी जी ने गोवा को भारत का अंग बनाने के लिए ‘गोवा मुक्ति संग्राम’ का नेतृत्व किया।
गोवा आंदोलन में जगन्नाथ राव जोशी जी को गिरफ़्तार कर उन पर अनेकों प्रताड़नाएं की गयी। जब जज ने उनसे पूछा कि बिना परमिट के गोवा कैसे आए, तब उन्होंने जवाब दिया कि गोवा मेरी मातृभूमि है और यहाँ आने के लिए मुझे किसी परमिट की जरूरत नहीं है।
ऐसे विरले राष्ट्रभक्त कर्नाटक केसरी श्री जगन्नाथ राव जोशी जी को कोटि-कोटि वन्दन।
ओजस्वी वक्ता व लोकप्रिय जन नेता श्री जगन्नाथ राव जोशी जी ने अपने जीवन का क्षण-क्षण और शरीर का कण-कण भारत माता की सेवा में समर्पित किया। उन्होंने अपनी अंतिम सांसों तक निस्वार्थ भाव से देश, जनता और संगठन की सेवा की। जोशी जी ने गोवा को भारत का अंग बनाने के लिए ‘गोवा मुक्ति संग्राम’ का नेतृत्व किया। गोवा आंदोलन में जगन्नाथ राव जोशी जी को गिरफ़्तार कर उन पर अनेकों प्रताड़नाएं की गयी। जब जज ने उनसे पूछा कि बिना परमिट के गोवा कैसे आए, तब उन्होंने जवाब दिया कि गोवा मेरी मातृभूमि है और यहाँ आने के लिए मुझे किसी परमिट की जरूरत नहीं है। ऐसे विरले राष्ट्रभक्त कर्नाटक केसरी श्री जगन्नाथ राव जोशी जी को कोटि-कोटि वन्दन।
Jul 15, 2020