
अपनी अभिजात देशभक्ति से वीर सावरकर बस एक नाम भर नहीं रहा वह राष्ट्र्भक्ति का एक मंत्र व एक विचार बन गया है। भारत की अखंडता के प्रबल पक्षधर, अद्वितीय स्वतंत्रता सेनानी स्वातंत्र्यवीर सावरकर का महामंत्र था एक राष्ट्र-एक संस्कृति भाव। भारत की स्वतंत्रता के लिए उनका संघर्ष व राष्ट्रप्रेम हर भारतवासी के लिए प्रेरणास्त्रोत है।
वीर सावरकर ने भारत की स्वतंत्रता के लिए अनेकों यातनायें सहीं। कारागार की दीवारों पर काव्य पंक्तियां लिख कर एक महाकाव्य का सृजन किया। देश के लिए इतने कष्ट सहने वाला पूरे विश्व में वीर सावरकर जैसा शायद ही कोई हो। उन्होंने अस्पृश्यता के खिलाफ भी लड़ाई लड़ी और मंदिरों में दलित समाज के प्रवेश के लिए जीवनपर्यंत संघर्ष किया। ऐसे महान राष्ट्रभक्त के चरणों में कोटि-कोटि नमन।
अपनी अभिजात देशभक्ति से वीर सावरकर बस एक नाम भर नहीं रहा वह राष्ट्र्भक्ति का एक मंत्र व एक विचार बन गया है। भारत की अखंडता के प्रबल पक्षधर, अद्वितीय स्वतंत्रता सेनानी स्वातंत्र्यवीर सावरकर का महामंत्र था एक राष्ट्र-एक संस्कृति भाव। भारत की स्वतंत्रता के लिए उनका संघर्ष व राष्ट्रप्रेम हर भारतवासी के लिए प्रेरणास्त्रोत है। वीर सावरकर ने भारत की स्वतंत्रता के लिए अनेकों यातनायें सहीं। कारागार की दीवारों पर काव्य पंक्तियां लिख कर एक महाकाव्य का सृजन किया। देश के लिए इतने कष्ट सहने वाला पूरे विश्व में वीर सावरकर जैसा शायद ही कोई हो। उन्होंने अस्पृश्यता के खिलाफ भी लड़ाई लड़ी और मंदिरों में दलित समाज के प्रवेश के लिए जीवनपर्यंत संघर्ष किया। ऐसे महान राष्ट्रभक्त के चरणों में कोटि-कोटि नमन।
May 28, 2020