
विचार और आदर्श में एकता स्थापित करने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक परम पूज्य श्री गुरु जी का जीवन राष्ट्रभक्ति, त्याग और तपस्या से परिपूर्ण था। वह देश को एक अखंड राष्ट्रमालिका में जोड़ने वाले देदीप्यमान सितारा थे। उन्होंने संघ कार्य को गति प्रदान करने के साथ उसको अखिल भारतीय सुदृढ़ अनुशासित संगठन का रूप दिया।
पूज्य श्री गुरूजी का अध्ययन, चिंतन व उनके विचार इतने श्रेष्ठ थे जिससे वो न सिर्फ युवाओं के लिए प्रेरक पुंज बने बल्कि पूरे राष्ट्र के प्रेरक पुंज व दिशा निर्देशक बन गये। उन्होंने सदैव युवाओं को ज्ञान प्राप्ति, मानव कल्याण और राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित किया।
ऐसे राष्ट्रऋषि की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि वंदन।
विचार और आदर्श में एकता स्थापित करने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक परम पूज्य श्री गुरु जी का जीवन राष्ट्रभक्ति, त्याग और तपस्या से परिपूर्ण था। वह देश को एक अखंड राष्ट्रमालिका में जोड़ने वाले देदीप्यमान सितारा थे। उन्होंने संघ कार्य को गति प्रदान करने के साथ उसको अखिल भारतीय सुदृढ़ अनुशासित संगठन का रूप दिया। पूज्य श्री गुरूजी का अध्ययन, चिंतन व उनके विचार इतने श्रेष्ठ थे जिससे वो न सिर्फ युवाओं के लिए प्रेरक पुंज बने बल्कि पूरे राष्ट्र के प्रेरक पुंज व दिशा निर्देशक बन गये। उन्होंने सदैव युवाओं को ज्ञान प्राप्ति, मानव कल्याण और राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित किया। ऐसे राष्ट्रऋषि की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि वंदन।
Feb 19, 2020