
पं. दीन दयाल उपाध्याय जी ऐसे युगद्रष्टा थे जिन्होंने देश को एक ऐसी विचारधारा देने का काम किया जिसका मूल उदेश्य सत्ता प्राप्ति नहीं बल्कि राष्ट्र को पुनः विश्व गुरु के पद पर आसीन करना हो। पंडित जी ने देश को एकात्म मानव दर्शन दिया जिसमें व्यक्ति से समष्टि तक सभी के हित समाहित हैं।
पंडित जी का मानना था कि, जब तक हम समाज के गरीब-से-गरीब व्यक्ति तक विकास नहीं पहुंचाते, उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़कर देश की प्रगति में सहभागी नहीं बनाते तब तक देश की स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है।
ऐसे महान विचारक व राष्ट्रसेवक की पुण्यतिथि पर उनके चरणों में कोटि-कोटि नमन।
पं. दीन दयाल उपाध्याय जी ऐसे युगद्रष्टा थे जिन्होंने देश को एक ऐसी विचारधारा देने का काम किया जिसका मूल उदेश्य सत्ता प्राप्ति नहीं बल्कि राष्ट्र को पुनः विश्व गुरु के पद पर आसीन करना हो। पंडित जी ने देश को एकात्म मानव दर्शन दिया जिसमें व्यक्ति से समष्टि तक सभी के हित समाहित हैं। पंडित जी का मानना था कि, जब तक हम समाज के गरीब-से-गरीब व्यक्ति तक विकास नहीं पहुंचाते, उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़कर देश की प्रगति में सहभागी नहीं बनाते तब तक देश की स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है। ऐसे महान विचारक व राष्ट्रसेवक की पुण्यतिथि पर उनके चरणों में कोटि-कोटि नमन।
Feb 11, 2020