
पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी एक ऐसे युगद्रष्टा थे जिनके द्वारा बोये गए विचारों व सिद्धांतों के बीज ने देश को एक वैकल्पिक विचारधारा देने का काम किया। उनकी विचारधारा सत्ता प्राप्ति के लिए नहीं बल्कि राष्ट्र के पुनर्निर्माण के लिए थी और भारत को उसके गौरव पर पुनर्स्थापित करने के लिए थी।
दीनदयाल जी का मानना था कि जब तक हम समाज के गरीब-से-गरीब व्यक्ति तक विकास नहीं पहुंचाते, तब तक देश की स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं।
यह उनके तपस्यापूर्ण जीवन और विचार-शक्ति का ही असर था कि न जाने कितने राष्ट्रभक्तों ने जीवन के सभी सुखों को त्याग कर देश सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित किया।
आज एक भाजपा कार्यकर्ता के नाते हमको गर्व है कि गत पांच वर्षों से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में चल रही सरकार ने गरीब-कल्याण के अपने अडिग लक्ष्य से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के एकात्म मानववाद के दर्शन और अंत्योदय की विचारधारा को साकार कर के दिखाया है।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी एक ऐसे युगद्रष्टा थे जिनके द्वारा बोये गए विचारों व सिद्धांतों के बीज ने देश को एक वैकल्पिक विचारधारा देने का काम किया। उनकी विचारधारा सत्ता प्राप्ति के लिए नहीं बल्कि राष्ट्र के पुनर्निर्माण के लिए थी और भारत को उसके गौरव पर पुनर्स्थापित करने के लिए थी। दीनदयाल जी का मानना था कि जब तक हम समाज के गरीब-से-गरीब व्यक्ति तक विकास नहीं पहुंचाते, तब तक देश की स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं। यह उनके तपस्यापूर्ण जीवन और विचार-शक्ति का ही असर था कि न जाने कितने राष्ट्रभक्तों ने जीवन के सभी सुखों को त्याग कर देश सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित किया। आज एक भाजपा कार्यकर्ता के नाते हमको गर्व है कि गत पांच वर्षों से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में चल रही सरकार ने गरीब-कल्याण के अपने अडिग लक्ष्य से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के एकात्म मानववाद के दर्शन और अंत्योदय की विचारधारा को साकार कर के दिखाया है।